Gudi Padwa 2022: वैदिक पंचांग के (Gudi Padwa) अनुसार हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि (Gudi Padwa) से होती है। साथ ही इस दिन से ही चैत्र नवरात्रि और गुड़ी पड़वा पर्व भी मनाया जाता है। आपको बता दें कि इस साल गुड़ी पड़वा का पर्व 2 अप्रैल को मनाया जाएगा। ये पर्व गोवा, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के कई राज्यों में मनाया जाता है।
Gudi Padwa 2022

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गुड़ी पड़वा को फसल दिवस के रूप में मनाते हैं। इसके साथ ही गुड़ी पड़वा को भारत के दक्षिणी प्रांतों में उगादी भी कहा जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था। आइए जानते हैं इस दिन का महत्व और शुभ मुहूर्त…
गुड़ी पड़वा का शुभ मुहूर्त
तिथि- 2 अप्रैल 2022, शनिवार
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ- 1 अप्रैल, शुक्रवार सुबह 11 बजकर 54 मिनट से शुरू
प्रतिपदा तिथि समाप्त- 2 अप्रैल, शनिवार को रात 11 बजकर 59 मिनट तक। इस साल गुड़ी पड़वा का पर्व 2 अप्रैल को मनाया जाएगा।
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Gudi Padwa 2022 : जानिए गुड़ी पड़वा का महत्व
गुड़ी पड़वा में ‘गुड़ी’ शब्द का अर्थ ‘विजय पताका’ और पड़वा का अर्थ प्रतिपदा तिथि से है। आपको बता दें कि चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गुड़ी पड़वा पर्व के मौके पर प्रत्येक घर में विजय के प्रतीक स्वरूप गुड़ी सजाई जाती है। कहा जाता है कि इस दिन अपने घर को सजाने और गुड़ी फहराने से घर में सुख समृद्धि आती है और बुराइयों का नाश होता है।

वहीं कुछ लोग इस दिन नीम की पत्तियां भी खाते हैं। मान्यता ये है कि इस समय प्रकृति में बदलाव होता है, इसलिए नीम की पत्तियां खाने से खून साफ होता है। शरीर रोगों के संक्रमण से बचा रहता है और अंदर से मजबूत बनता है।
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Gudi Padwa 2022 : ये बन रहे हैं विशेष योग
वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल गुड़ी पड़वा पर इंद्र योग, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। अमृत सिद्धि योग एवं सर्वार्थ सिद्धि योग 1 अप्रैल को सुबह 10 बजकर 41 मिनट से 2 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 11 मिनट तक हैं। वहीं 2 अप्रैल को इंद्र योग सुबह 8 बजकर 32 मिनट तक है। वहीं नक्षत्र की बात करें तो, रेवती नक्षत्र गुड़ी पड़वा को दिन में 11 बजकर 22 मिनट तक है। उसके बाद अश्विनी नक्षत्र शुरू हो जाएगा। इसलिए इस त्योहार का महत्व और भी बढ़ गया है।
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