By : Mahesh Kumar Shiva
शादी करने के बाद किसी भी युवती का पहला सपना होता है कि वह जल्द से जल्द मातृत्व सुख प्राप्त करे। युवक भी यही चाहता है कि वह पिता बने और उनके आंगन में कोई ऐसा फूल खिले, जिसे परिवार के सभी सदस्य प्यार करें। हालांकि वर्तमान युग में कोई भी नवयुगल यही चाहता है कि शादी के कुछ वर्ष गुजर जाने के बाद ही उनके यहां बच्चा जन्म लें। यह तो नवयुगल की आपसी रजामंदी पर ही निर्भर करता है कि बच्चे की चाहत कब तक रखते हैं।
लेकिन आज हम इस आर्टिकल में बात करेंंगे उन लोगों के बारे में जिनके यहां शादी के काफी साल बाद भी कोई फूल नहीं खिला है। बहुत सारी दंपत्ति ऐसी हैं, जिन्होंने अपना काफी उपचार कराया है, लेकिन आज तक उनके यहां कोई संतान पैदा नहीं हुई है। बहुत सारी दंपत्ति ऐसी भी मिल जाएगी, जो अपने यहां संतान पैदा न होने पर किसी दूसरे बच्चे को गोद लेकर उसका लालन पालन कर रही हैं या करती हैं।
बरहाल, अब बात करते हैं यूपी के उस ज्योतिषाचार्य के बारे में जिन्होंने नि:संतान दंपत्तियों की इस समस्या का समाधान खोज निकाला है। पिछले दिनों हरिद्वार में आयोजित अखिल भारतीय पराविज्ञान सम्मेलन में देशभर के करीब 300 ज्योतिषाचार्यों ने भाग लिया। इस सम्मेलन में हमारी मुलाकात यूपी के हापुड़ निवासी ज्योतिषाचार्य धर्मेंद्र कुमार बंसल से हुई।
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धर्मेंद्र कुमार बंसल बताते हैं कि वह काफी समय से ज्योतिषी कर रहे हैं। उनके पास वह लोग भी अपनी कुंडली लेकर आते थे, जिनके यहां संतान पैदा नहीं हो रही थी। नि:संतान दंपत्तियों की इसी समस्या का समाधान के लिए वर्ष 2015 में उन्होंने दुर्लभ जड़ी बुटियों की तलाश की और एक ऐसी औषधि तैयार की, जिसके सेवन से मातृत्व सुख की कामना करने वाली महिलाएं मां बन सके।
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धर्मेंद्र कुमार बंसल ने को बताया कि वर्ष 2015 से वह इस दवा का वितरण कर रहे हैं। यह औषधि पूरी तरह से आयुर्वेदिक है और इस औषधि का सेवन महिला और पुरुष को दोनों को करना होता है। इसके सेवन से शरीर का कोई साइड इफेक्ट नहीं पड़ता है। इस औषधि को लेने के लिए दंपत्ति को एक बार उनसे मुलाकात करनी होगी। कुल तीन माह का कोर्स होता है। इस औषधि की कीमत बेहद ही कम है, जिसे साधारण परिवार भी वहन कर सकता है।
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ज्योतिषाचार्य धर्मेंद्र कुमार बंसल ने बताया कि उनके द्वारा तैयार की गई दवा का सेवन करने के बाद गाजियाबाद, दिल्ली, गुड़गांव, हापुड़ समेत कई शहरों की कुल छह दंपत्ति को संतान की प्राप्ति हो चुकी है। वह यह भी बताते हैं कि यदि किसी दंपत्ति के पास दवा के लिए शुल्क नहीं है तो वह दवा के इस कोर्स को किसी भी कीमत पर बंद नहीं करने देते हैं और दवा का वितरण जारी रखते हैं।