Chaitra Navratri 2022

कब से शुरु होंगे चैत्र नवरात्रि? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि Chaitra Navratri 2022

Chaitra Navratri 2022: मार्च और अप्रैल माह में (Chaitra Navratri) त्योहार ही त्योहार हैं। मार्च में जहां होली पर्व मनाया जाएगा, वहीं (Chaitra Navratri ) दूसरी ओर अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में चैत्र नवरात्रि शुरु हो जाएंगे। वैसे तो नवरात्रि हर तीन माह बाद आते हैं। एक वर्ष में चार बार देवी दुर्गा के नवरात्रि होते हैं, जिनमें दो नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। जबकि शारदीय और चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022 )का खास महत्व होता है, जबकि गुप्त नवरात्रि पर तांत्रिक गुप्त साधना करते हैं। आगामी 2 अप्रैल 2022 से चैत्र नवरात्रि शुरू होंगे और इनका समापन 11 अप्रैल 2022 को होगा। नवरात्रि के पवित्र 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।

Chaitra Navratri 2022

Chaitra Navratri 2022
Chaitra Navratri 2022

holi and money रंगों के साथ बरसेगा पैसा! होली पर कर लें ये आसान उपाय

चैत्र नवरात्रि शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि के लिए कलश स्थापना शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होगी। कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 2 अप्रैल सुबह 6 बजकर 10 मिनट से लेकर 8 बजकर 29 मिनट तक है। यानी कलश स्थापना के लिए कुल 2 घंटे 18 मिनट का समय मिलेगा।

पान के पत्ते और लौंग के उपाय से चमक जाएगी किस्मत Chamtkari Upay

इस साल माता रानी की सवारी-

धार्मिक मान्यता के अनुसार हर नवरात्रि में मां दुर्गा अलग-अलग वाहन पर सवार होकर आती हैं और विदाई के वक्त माता रानी का वाहन अलग होता है। इस बार चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी। अगर नवरात्रि की शुरुआत रविवार या सोमवार से होती है तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं।
नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार या शनिवार से होती है तो माता रानी घोड़े पर सवार होकर आती हैं। नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार या शुक्रवार से होती है तो मां डोली पर सवार होकर आती हैं। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत शनिवार से हो रही है, इसलिए मां का वाहन घोड़ा है।

खुश हो जाएं इन 5 राशियों के लोग, सूर्यदेव दिलाएंगे भारी पैसा! Surya gochar

कैसे करें कलश स्थापना
कलश स्थापना के लिए सुबह उठकर स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें। पूजा स्थल या पूजा मंदिर की साफ-सफाई कर लाल कपड़ा बिछाएं। फिर इसके उपर अक्षत यानि साबुत चावल रखें। इसके बाद इसके ऊपर जौ बोएं। फिर इसके ऊपर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें। कलश पर स्वास्तिक बनाकर इस पर कलावा बांधें। कलश में साबुत, सुपारी, सिक्सा, अक्षत और आम का पत्ते डालें। इसके बाद एक नारियल के ऊपर चुनरी लपेटकर कलावा बांधें।

इस नारियल को कलश के ऊपर रखें। इसके बाद देवी का आह्वान करें। फिर धूप-दीप आदि जलाकर कलश की पूजा करें। इसके बाद मां दुर्गा की पूजा करें। मां की पूजा के दौरान आप दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकते हैं। या ​फिर सामान्य रुप से दुर्गा चालीसा का पाठ नियमित रुप से करें। ध्यान रखें कि पूजन के बाद मां दुर्गा की आरती अवश्य करें। आरती समापन के बाद दोनों कान पकड़ कर मां से क्षमा याचना जरुर करें।

घर में यह पौधा रखते ही मिलेगा खूब सारा पैसा-सम्‍मान! आजमा लें Tuberose flowers

किस दिन देवी के किस स्वरुप की होगी पूजा?

2 अप्रैल- प्रथम नवरात्रि, घटस्थापना और शैलपुत्री स्वरुप की पूजा

3 अप्रैल- द्वितीय नवरात्रि, मां ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा

4 अप्रैल- तृतीय नवरात्रि, मां चंद्रघंटा की पूजा

5 अप्रैल- चतुर्थ नवरात्रि, मां कुष्माण्डा की पूजा

6 अप्रैल- पंचम नवरात्रि, स्कंदमाता की पूजा

Chaitra Navratri 2022
Chaitra Navratri 2022

7 अप्रैल- षष्ठम नवरात्रि, मां कात्यायनी की पूजा

8 अप्रैल- सप्तम नवरात्रि, मां कालरात्रि की पूजा

9 अप्रैल- अष्टम नवरात्रि, महागौरी की पूजा

10 अप्रैल- नवम नवरात्रि, मां सिद्धिदात्री की पूजा

ज्योतिष के चमत्कारी उपाय,  व्रत एवं त्योहार फ्री सर्विस और रोचक जानकारी के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें और ट्वीटर @ganeshavoice1 पर फॉलो करें।

ज्योतिष, धर्म, व्रत एवं त्योहार से जुड़ी ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए  ज्वाइन करें हमारा टेलिग्राम चैनल

Google News पर हमसे जुड़ने के लिए हमें यहां क्लीक कर फॉलो करें।