यदि बार-बार दुर्घटनाएं हो रही हों तो इनसे बचने के लिए कुछ उपाय जरूर कर लेने चाहिए।
कुंडली में मंगल, शनि, राहु की अशुभ स्थिति ऐसी दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार होती है।
ज्योतिष में मंगल, शनि और राहु को दुर्घटनाकारक ग्रह बताया गया है। यदि कुंडली में ये 3 गड़बड़ स्थिति में हों तो जातक को अक्सर चोट लगती रहती है।
शनि, मंगल का अशुभ प्रभाव व्यक्ति को सड़क दुर्घटना, गिरने या अन्य किसी कारण से चोट देता है।
कई बार बेवजह के झगड़े भी मार-पीट तक उतर आते हैं तो वहीं अन्य कारणों से भी व्यक्ति के शरीर से खून बहता है।
कई बार बेवजह के झगड़े भी मार-पीट तक उतर आते हैं तो वहीं अन्य कारणों से भी व्यक्ति के शरीर से खून बहता है।
ऐसे में इन स्थितियों से बचने के लिए ग्रह शांति के अलावा कुछ अन्य उपाय भी कर लेना बेहतर होता है।
ज्योतिष में वैसे तो ऐसी स्थितियों से बचने के लिए कई उपाय बताए गए हैं लेकिन इसमें सबसे प्रभावी उपाय है रक्तदान।
रक्तदान करने से व्यक्ति के शरीर से खून भी निकल जाता है और इससे किसी की जिंदगी भी बच जाती है।
रक्तदान करने से रक्त के बहने का योग खत्म हो जाता है और व्यक्ति का चोटों-दुर्घटनाओं से बचाव भी होता है।
रक्तदान करने से रक्त के बहने का योग खत्म हो जाता है और व्यक्ति का चोटों-दुर्घटनाओं से बचाव भी होता है।
इसलिए रक्तदान को महादान भी कहा गया है। इसके अलावा रक्तदान करने से शरीर भी स्वस्थ रहता है।