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बिजली का मेन स्विच इस दिशा में लगाएं; परेशानियों से मिलेगा छुटकारा Main Switch

Main Switch Vastu Tips:  घरों में अक्सर बिजली का मेन स्विच (Main Switch) गलत दिशा में लगा होता और इसके कारण घर के (Main Switch) मुखिया विभिन्न समस्याओं से ग्रस्त रहते हैं और जान ही नहीं पाते हैं कि इन समस्याओं का कारण बिजली का मेन स्विच (Main Switch) है. गलत दिशा में मेन स्विच से होने वाली परेशानियों और सही दिशा में होने वाले लाभ के बारे में ही हम इस लेख में चर्चा करेंगे.

Main Switch Vastu Tips

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मीटर और मेन स्विच में न हों भ्रमित
कई लोगों में बिजली के मेन स्विच और मीटर को लेकर भी भ्रम रहता है, वह मीटर को ही मेन स्विच मान लेते हैं कि बिजली की आपूर्ति तो वहीं से हो रही है, जबकि ऐसा नहीं है. दोनों के अंतर को समझना बहुत जरूरी है. मीटर को लेकर बहुत परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह सरकार के द्वारा एक निश्चित जगह पर ही लगाया जाता है.

मीटर तो केवल आपके द्वारा उपभोग की गई बिजली का हिसाब रखता है. वास्तु की दृष्टि से इसका कोई महत्व नहीं है. मीटर से बिजली सीधे मेन स्विच में ही जाती है और वहीं से डिस्ट्रीब्यूट होती है, इसलिए मेन स्विच बहुत ही महत्वपूर्ण होता है.

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मेन स्विच होता है सबसे महत्वपूर्ण

आपने काम करते हुए थकने के बाद अक्सर लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि अब करंट नहीं बचा. ठीक उसी प्रकार घर में भी जो ऊर्जा यानी बिजली है, उसी से सारे उपकरण चलते हैं. यदि बिजली न हो तो घर न चले और आज के नए परिवेश में बिजली बिना जल भी नहीं प्राप्त हो पाता है. मेन स्विच बिजली के डिस्ट्रीब्यूशन के साथ सभी स्थानों पर बिजली प्रवाह को नियंत्रित भी करता है.

मेन स्विच से एमसीबी के द्वारा अलग-अलग हिस्से की बिजली बंद कर सकते हैं. मेन स्विच अग्नि तत्व का प्रतीक है, इसलिए वास्तु के नियमों के आधीन है और इसका उचित स्थान पर होना अति आवश्यक है.

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कहीं बिजली के तारों में बहने वाला करंट नुकसान तो नहीं कर रहा

कई बार वास्तु सम्मत घर बना होता है, लेकिन बिजली का मेन स्विच गलत जगह पर होने से पूरे घर में रोशन करने वाला करंट नुकसान पहुंचाने लगता है. मेन स्विच यदि नैऋत्य में हो जाए तो राहु और मंगल की युति हो जाती है यानी कि अंगारक योग बन जाता है और यह भू स्वामी के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है.

यदि वह ईशान कोण में लग जाए तो भवन स्वामी के दिमाग में मानों करंट आ गया है. चूंकि ईशान में जल है और जल में करंट का क्या परिणाम होता है यह तो सभी लोग अच्छी तरह से जानते हैं. इसके लिए सबसे उपयुक्त स्थान आग्नेय कोण है यानी पूर्व और दक्षिण के मध्य रहता है.

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