Sawan 2022 shivling : सावन का महीना (Sawan 2022) भोलेनाथ को विशेष प्रिय माना गया है। इस पूरे महीने भक्त भोलेनाथ (Sawan 2022) की पूजा- अर्चना और आराधना करते हैं। भक्त इस महीने व्रत भी रखते हैं। सावन (Sawan 2022) में रुद्राभिषेक कराने का विशेष महत्व है। मान्यता है रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। साथ ही सावन सोमवार, शिवरात्रि और नाग पंचमी के दिन रुद्राभिषेक करने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं भगवान शिव को किन चीजों से रुद्राभिषेक करना चाहिए…
Sawan 2022 shivling Abhishek
जानिए क्यों किया जाता है रुद्राभिषेक:
शिव पुराण के अनुसार शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति की अपने तमाम कष्टों से मुक्ति मिलती और उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ज्योतिष के अनुसार सभी ग्रहों पर शनि देव का आधिपत्य है। इसलिए भोलेनाथ की पूजा- अर्चना करने से सभी ग्रह शांत होते हैं।
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इन चीजों से करें रुद्राभिषेक:
धन में वृद्धि के लिए भोलेनाथ का रुद्राभिषेक जल से किये जाने की मान्यता है।
जमीन- जायदाद से जुड़े लाभ प्राप्त करने के लिए दही से रुद्राभिषेक करना लाभकारी बताया गया है।
शिव पुराण अनुसार धन-दौलत में वृद्धि के लिए भोलेनाथ का रुद्राभिषेक शहद और घी से करना चाहिए।
रोग से निजात पाने के लिए शिव जी का कुशोदक से अभिषेक करना लाभप्रद माना गया है।
तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी से मुक्ति मिलती है।
गुप्त शत्रुओं पर विजय पाने के लिए शिव जी का अभिषेक सरसों के तेल से करना लाभकरी बताया गया है।
धन प्राप्ति या कर्जे से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव का अभिषेक गन्ने के रस से किये जाने की मान्यता है। जिसको रसाभिषेक भी कहते हैं।
ज्योतिष अनुसार पुत्र प्राप्ति के लिए गाय के दुग्ध से और यदि संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो गोदुग्ध से रुद्राभिषेक करें। ऐसा करने से आपको जल्द ही स्वस्थ संतान की प्राप्ति होगी।
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रुद्राभिषेक की सामग्री:
रुद्राभिषेक में कई चीजों का इस्तमाल किया जाता है। जैसे दीपक, घी, तेल, कपूर, बाती, फूल, सिन्दूर, अगरबत्ती, चंदन का लेप, धूप, सफ़ेद फूल, बेल पत्र, भांग, धतूरा, दूध, गंगा जल, द्रव्य, गुलाब जल, पान का पत्ता, गंध, कपूर, मिठाई, फल, शहद, दही, ताजा दूध, मेवा, पंचामृत, गन्ने का रस, सुपारी, नारियल, श्रृंगी । रुद्राभिषेक में रोली का इस्तमाल वर्जित माना गया है। इसलिए भोलनाथ की पूजा में भूल से भी रोली का इस्तमाल नहीं करें।
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