Mantra Jaap Rules :हिंदू धर्म में मंत्रों का काफी महत्व है. (Mantra Jaap) बिना मंत्रों के पूजा, यज्ञ अधूरी मानी जाती है. मंत्रों के जाप से (Mantra Jaap) घर से नकारात्मक शक्तियां चली जाती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है. (Mantra Jaap) हालांकि, मंत्रों का उच्चारण सही तरीके से किया जाए तो ही इसका फायदा मिलता है. अक्सर आपने देखा होगा कि मंत्रों का जाप करने के लिए मालाओं का इस्तेमाल किया जाता है. आइए जानते हैं कि मंत्रों का जाप करते समय किस तरह से माला का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
Mantra Jaap Rules
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108 मनकों की माला
भगवान और देवी-देवताओं की पूजा करते समय मंत्रों का जाप करने के लिए विभिन्न तरह की मालाओं का प्रयोग किया जाता है. मंत्रों का जाप संख्याओं के आधार पर किया जाता है. ऐसे में माला इन संख्याओं की याद रखने में अहम भूमिका निभाती है. माला में 108 मनके (दाने) होते है. ऐसे में मंत्रों का जाप की संख्या में कोई त्रुटि न हो, इसके लिए लोग माला से जाप करते हैं.
एक ही माला का इस्तेमाल
पूजा-पाठ के समय जाप करते समय हमेशा एक ही माला का इस्तेमाल करें. जाप के बाद माला को कभी खूंटी पर न लटकाएं. इससे उसका प्रभाव कम हो जाता है. माला को हमेशा साफ वस्त्र में लपेटकर रखना चाहिए.
जाप के दौरान माला में न लगे ये अंगुली
मंत्र जाप करते हुए तर्जनी अंगुली से माला का स्पर्श नहीं होना चाहिए. ऐसा होना शुभ नहीं माना जाता है. वहीं, जाप के दौरान अगर छींक आना अशुभ माना जाता है. इससे साधना का फल नहीं मिलता है. ऐसे में तांबे के पात्र में जल और तुलसी डालकर अपने पास रखें. ऐसी समस्या होने पर इस जल को मस्तक और दोनों नेत्रों से लगा लें. इससे दिक्कत नहीं होगी.
आसन का रखें ध्यान
मंत्रों का जाप करते समय कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए. हमेशा जमीन में आसन पर बैठकर मंत्रों का जाप करें. जिस आसन पर आप बैठते हैं, उसको कभी भी पैर से न सरकाएं. ऐसा करने से साधना पूर्ण नहीं होती है.
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