Janmashtami 2022: गुजरात का द्वारिकाधीश मंदिर (Janmashtami 2022) हिंदू धर्म के प्रमुख 4 धामों में से एक है। यहां रोज (Janmashtami 2022) लाखों भक्त दर्शन करने आते हैं। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण (Janmashtami 2022) ने यहीं द्वारिका नगरी बसाई थी, जो समुद्र में समा गई। आज भी इस बात के प्रमाण यहां पाए जाते हैं। इस मंदिर की ध्वज बदलने की परंपरा काफी रोचक है।
यहां दिन में कई बार मंदिर का ध्वज बदला जाता है। इस ध्वज की बनावट और चिह्न भी काफी विशेष होते हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami 2022) के मौके पर जानिए इस मंदिर में कैसे बदला जाता है ध्वज…
Janmashtami 2022
दिन में 5 बार बदला जाता है ध्वज
आमतौर पर किसी भी मंदिर में विशेष मौकों पर ही ध्वज बदला जाता है, लेकिन गुजरात के द्वारिकाधीश मंदिर में रोज 5 बार ध्वज बदला जाता है। ये ध्वज श्रृद्धालु चढ़ाते हैं। ध्वज चढ़ाने के लिए एडवांस बुकिंग की जाती है। मंदिर की मंगला आरती सुबह 7.30 बजे, श्रृंगार सुबह 10.30 बजे, इसके बाद सुबह 11.30 बजे, फिर संध्या आरती 7.45 बजे और शयन आरती 8.30 बजे होती है। इसी दौरान ध्वज चढ़ाए जाने की परंपरा है। ये ध्वज सिर्फ द्वारका के अबोटी ब्राह्मण ही चढ़ाते हैं। मंदिर में ध्वज चढ़ाने का मौका जिसे मिलता है वो ध्वज लेकर आता है, पहले इसे भगवान को समर्पित करते हैं। इसके बाद अबोटी ब्राह्मण वो ध्वज ले जाकर शिखर पर चढ़ा देते हैं।
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ध्वज में कौन-कौन से चिह्न होना जरूरी?
द्वारकाधीश मंदिर में जो ध्वज लगाया जाता है उसका परिमाण 52 गज का होता है। इसके पीछे के कई मिथक हैं। ऐसा कहा जाता है कि 12 राशि, 27 नक्षत्र, 10 दिशाएं, सूर्य, चंद्र और श्री द्वारकाधीश मिलकर 52 होते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि कि श्रीकृष्ण के समय द्वारिका में 52 द्वार हुआ करते थे। इसलिए भगवान को 52 गज का धवज चढ़ाया जाता है। ये ध्वज एक खास दर्जी ही सिलता है। इस ध्वज पर सूर्य-चंद्रमा के प्रतीक बने होते हैं।
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कैसे पहुंचें?
– द्वारका मंदिर से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पोरबंदर है, जो यहां से करीब 108 किमी. की दूरी पर स्थित है। यहां से मंदिर जाने के लिए बस, टैक्सी और ट्रेन बड़ी ही आसानी से मिल जाती है।
– द्वारिका रेलवे स्टेशन अहमदाबाद-ओखा ब्रॉड गेज रेलवे लाइन पर स्थित है। जहाँ से राजकोट, अहमदाबाद और जामनगर के लिए रेल सेवा उपलब्ध है। द्वारिका की रेलवे लाइनें गुजरात और पश्चिम भारत के प्रमुख शहरों को जोड़ती हैं।
– भारत के सभी राज्यों में गुजरात के लिए बसें चलाई जाती हैं। गुजरात की सरकारी बसों के साथ-साथ इसके निकटतम कुछ अन्य राज्यों से भी द्वारका मंदिर जाने के लिए डायरेक्ट बस मिल जाएगी या द्वारका मंदिर के आसपास के शहरों के लिए तो आपको बस जरूर मिल जाएगी।
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