Vishwakarma Puja 2022 Shubh Muhurt: शास्त्रों में विश्वकर्मा का विशेष महत्व बताया गया है। (Vishwakarma Puja 2022) विश्वकर्मा पूजा हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है। जो इस साल 17 सितंबर को पड़ रही है। इस दिन शिल्पकार और यंत्रों के देवता भगवान विश्वकर्मा (Vishwakarma Puja 2022) की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही इस दिन लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा के साथ अपने औजारों, मशीनों और दुकानों की भी पूजा करते हैं। भगवान विश्वकर्मा जी को दुनिया का पहला इंजीनियर और वास्तुकार भी कहा जाता है। आइए जानते हैं पूजा- विधि और महत्व…
Vishwakarma Puja 2022
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जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 38 मिनट से सुबह 09 बजकर 12 मिनट तक है। उसके बाद दोपहर में शुभ मुहूर्त 01 बजकर 47 मिनट से दोपहर 03 बजकर 21 मिनट तक है। फिर तीसरा शुभ समय दोपहर 03 बजकर 21 मिनट से शाम 04 बजकर 51 मिनट तक है। इन तीनों मुहूर्त में आप अपने फैक्ट्री, वाहन और औजारों की पूजा कर सकते हैं। मान्यता है कि वाहन और उपकरणों की विश्वकर्मा पूजा के दिन जरूर पूजा करनी चाहिए इससे वह आपको बीच रास्ते में और वक्त, बेवक्त धोखा नहीं देते हैं। इससे मशीनरी पर आपका खर्च भी कम होता है।
बन रहे हैं 5 विशेष योग
ज्योतिष पंचांग के अनुसार इस साल विश्वकर्मा पूजा के दिन 5 विशेष योग बन रहे हैं। आपको बता दें कि 17 सितंबर को सुबह से लेकर रात तक वृद्धि योग है। इसके अलावा अमृत सिद्धि योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 06 मिनट से दोपहर 12 बजकर 22 मिनट तक है। वहीं द्विपुष्कर योग दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से दोपहर 02 बजकर 15 मिनट तक है। ज्योतिष में इन योगों का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इन योगों में पूजा का दोगुना फल प्राप्त होता है। साथ ही कार्य में सिद्धि प्राप्त होती है।
विश्वकर्मा पूजा विधि:
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। फिर साफ- सुथरे कपड़े पहन लें। इसके बाद अपने प्रतिष्ठान (दुकान) पर पहुंचकर पत्नी सहित पूजा स्थल पर बैठ जाएं। इसके बाद एक चौकी पर नया पीला कपड़ा बिछाएं। इसके बाद चौकी पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। इसके बाद खुद या किसी योग्य ब्राह्राण से मशीनों, औजारों की पूजा करें। सबसे पहले रोली लगाएं और फिर अक्षत छोड़ें। इसके बाद भगवान विश्वकर्मा को फूल, चंदन, अक्षत, धूप, रोली, दही, सुपारी, रक्षा सूत्र, फल और मिठाई अर्पित करें। अंत में भगवान विश्वकर्मा जी की आरती उतारें और उन्हें भोग लगाकर प्रसाद सभी में बांट दें।
उपाय
सबसे पहले अपने वाहन का इंजन ऑन कर लें। इसके बाद गाड़ी के इंजन पर स्वास्तिक का चिह्न बनाएं। फिर फूल, माला, अक्षत से वाहन का पूजन करें। । एक सुपारी पर मौली लपेटकर उसे सिंदूर का तिलक करें और विश्वकर्मा भगवान से प्रार्थना करें कि आपके वाहन और आपकी रक्षा करें। अगर संभव हो तो विश्वकर्मा पूजा के दिन गाड़ी को आराम दें वहीं वाहन की सफाई एक दिन पहले ही कर लें। साथ ही हो सकते तो विश्वकर्मा पूजा के दिन अपना वाहन किसी को नहीं दे।
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