Kartik Amavasya 2022: कार्तिक अमावस्या कार्तिक मास (Kartik Amavasya 2022) की दूसरे पाख यानि कृष्ण पक्ष के 15वें दिन और मास के 30वीं तिथि को मनाई जाती है। हिंदू धर्म में कार्तिक अमावस्या 2022 को सबसे महत्वपूर्ण अमावस्या (Kartik Amavasya 2022) के तौर पर माना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक अमावस्या कार्तिक माह में होती है, जबकि ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह अक्टूबर या नवंबर के महीने में आती है। यह पितृ पूजा के लिए भी सबसे अच्छा दिन माना जाता है, ताकि उनका आशीर्वाद मांगा जा सके, साथ ही धर्मार्थ दान भी किया जा सके।
पारंपरिक धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाभारत के दौरान शांति पर्व के अवसर पर श्री कृष्ण ने स्वयं कार्तिक अमावस्या का महत्व बताते हुए कहा, “यह दिन मुझे बहुत प्रिय है। इस दिन मेरी पूजा करने से किसी व्यक्ति के जीवन पर ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
कार्तिक अमावस्या 2022: तिथि, समय और शुभ मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा के लिए मुहूर्त: शाम 6:53 से 8:16 बजे तक
पूजा अवधि: 1 घंटा 23 मिनट
वृषभ काल: 18:53 से 20:48
प्रदोष काल: 17:43 से 20:16
कार्तिक अमावस्या 2022 तिथि 24 अक्टूबर से 17:29:35 बजे शुरू होगी और यह 25 अक्टूबर को 16:20:38 बजे समाप्त होगी। तो इसलिए 24 अक्टूबर को दिवाली उत्सव शुरू मनाया जाएगा। इसी समय 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण भी लगेगा। इसलिए लोगों के दिवाली कैसे मनाते हैं, इस पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। 25 अक्टूबर को आंशिक सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार 16:49:20 बजे शुरू होगा और 18:06:00 बजे तक चलेगा।
कार्तिक अमावस्या 2022: व्रत और पूजा विधि
भक्तों को सुबह जल्दी या भोर में स्नान करना चाहिए और साफ कपड़े पहनना चाहिए।
सूर्य देव को जल और तिल अर्पित कर पूजा करें।
नवग्रह स्तोत्र का पाठ करके आप अच्छे ग्रहों के सकारात्मक प्रभाव को बढ़ा सकते हैं और कुंडली में बुरे ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं।
नवग्रह दोषों के निवारण के लिए सुबह विष्णु सहस्रनाम का जाप अवश्य करें।
शिवलिंग पर शहद के साथ सभी अभिषेक अनुष्ठानों को पूरा करके भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें।
किसी जरूरतमंद या वंचित व्यक्ति के घर या मंदिर में दीपक जलाएं। यह शनि दोष को शांत करने में मदद करेगा।
मां लक्ष्मी को भोग के रूप में फूल, मिठाई, फल और खीर का भोग लगाएं।
भक्तों को केवल सात्विक भोजन, फल और दूध ही खाना चाहिए।
इस दिन प्याज और लहसुन, मांस, अंडा, शराब और नशीली दवाओं का सेवन सख्त वर्जित है।
मेवे, फल, दूध और मक्खन जैसे डेयरी आइटम और राजगिरा का आटा, कुट्टू का आटा, और सिंघारे का आटा जैसे कुछ आटे का सेवन किया जाता है।
पूरे दिन शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पानी, दूध, छाछ और ताजे जूस का सेवन करें।
भोग पकाने के लिए सेंधा नमक या सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।
इसके अतिरिक्त, जीरा, दालचीनी, हरी इलायची, लौंग, काली मिर्च पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और काली मिर्च जैसे मसालों का उपयोग करें।
कार्तिक अमावस्या 2022: तुलसी पूजा {Kartik Amavasya 2022: Tulsi Puja}
कार्तिक अमावस्या के दिन तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है। कार्तिक महीने की अमावस्या को स्नान कर तुलसी और सूर्य को जल चढ़ाया जाता है और दोनों की पूजा की जाती है। कार्तिक अमावस्या के दिन तुलसी के पौधे का भी दान किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि तुलसी की पूजा भगवान विष्णु के आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक माध्यम है और तुलसी पूजन से भक्त भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं।
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