Chandra Grahan 2022
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चंद्र ग्रहण आज, जानें कैसा रहेगा आप,देश और दुनिया के लिए? Chandra Grahan 2022

Chandra Grahan 2022 (मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्, चंडीगढ़) : वर्ष 2022 का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022) आज यानि 8 नवंबर की शाम को होने जा रहा है। इस चंद्र ग्रहण का असर मोटे तौर पर शाम को 5.30 से लेकर 6.20 तक ही रहेगा। (Chandra Grahan 2022) हालांकि प्रभाव दोपहर डेढ़ बजे से शाम साढ़े 6 बजे तक रहेगा और चंद्रमा की चाल इस प्रकार रहेगी।

यह ग्रहण मेष राशि व भरणी नक्षत्र में लग रहा है और भारत के उत्तरी पूर्व भाग, यानि कोलकाता, पटना, गुवाहाटी, अरुणाचल प्रदेश आदि में अधिक दिखेगा, जबकि यूरोप, एशिया,आस्ट्रेलिया, अमेरिका के अधिकांश हिस्सों में दिखेगा। इसका सूतक सूर्योदय अर्थात सुबह 6.30 से ही माना जाएगा।

Chandra Grahan 2022

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ग्रहण स्पर्श आरंभ- दोपहर 2.39 बजे
खग्रास आरंभ-अपरान्ह 3.46 बजे
ग्रहण मध्य- शाम 4.29 बजे
खग्रास समाप्त-शाम 5.12 बजे
ग्रहण मोक्ष समाप्त- शाम 5.19 बजे

उल्टे पुल्टे योग
इस चंद्र ग्रहण पर उल्टे पुल्टे योग हैं। अक्सर चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा के साथ केतु होता है और सूर्य के साथ राहु, परंतु इस ग्रहण पर सूर्य के साथ केतु है और चंद्र के साथ राहु विराजमान है। इसलिये ज्योतिषीय दृष्टि से इसे बहुत अच्छा नहीं माना जा रहा। यह अधिक और अप्रत्यशित घटनाओं का संकेत दे रहा है। 6 नवंबर को ही तंजानिया में एक वायुयान झील में गिर गया और 25 से अधिक जानें गईं।

निसंदेह ग्रहण एक खगोलीय घटना होती है, परंतु इसका वैज्ञानिक और ज्योतिषीय पक्ष अवश्य जानना चाहिए। सूर्य धरती को उष्मा देता है और चंद्र भी रोशनी देता है। जब इनका प्रकाश आना धरती पर रुक जाता है तो पृथ्वी का तापमान प्रभावित होता है। संक्रमण, वायरस होने लगता है। वनस्पति हो या मानव अथवा पशु-पक्षी, घरती का कोई भाग, यह चाहे थोड़ी देर तक ही प्रभावित रहे परंतु रहता अवश्य है और इसे सूतक और ग्रहण काल दोनों में माना जाता है। ज्योतिष में मान्यता है कि ग्रहण के फलों का प्रभाव 41 दिन तक रहता है।

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गर्भवती महिलाएं क्या करें क्या न करें

इसीलिए शास्त्रों में गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान अधिक श्रम न करने और सूर्य या चंद्र किरणों के आगे जाने से मना किया जाता है, ताकि गर्भस्थ शिशुओं पर विकीरण का कोई असर न पड़े। ग्रहण के दौरान ऐसी महिलाओं को सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनने चाहिए। राहु के काले, नीले, स्लेटी या गहरे रंगों से परहेज करना चाहिए। ग्रहण काल की अवधि के दौरान महिलाओं को सब्जी या फल काटने से भी परहेज करना चाहिए।

भोजन में तुलसी की पत्ते

खाने में तुलसी के पत्ते रखने की सलाह दी जाती है, परंतु यदि खाद्य सामग्री फ्रिज में या या बंद रखी है तो चिंता न करें। ग्रहण के दौरान ईश्वर का नाम लेने, बाद में नदी, सरोवर या घर में नहाने के बाद दान करने के लिए कहा जाता है। ऐसा कष्टकारी समय भजन कीर्तन, मंत्र जाप, पूजापाठ करके बिताना चाहिए। संक्रमण दूर करने और ग्रह शांति विशेषतः सात अनाज का दान करने के लिए कहा जाता है। अब यह सब आधुनिक युग में आपकी इच्छा,आस्था, विश्वास तथा परिस्थिति अनुसार ही संभव है।

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सभी 12 राशियों पर चंद्र ग्रहण का असर

मेष राशि
मेष राशि जिसके स्वामी मंगल देवता हैं,उनके लिए चंद्रग्रहण अशुभ होगा,भय पैदा होगा।

वृषभ राशि
यह चंद्र ग्रहण अच्छा नहीं कहा जा सकता है। अचानक से बड़े संकटों और धनहानि का सामना करना पड़ सकता है।

मिथुन राशि
ग्रहण शुभ फल प्रदान करने वाला रहेगा। करिअर, कारोबार आदि में विशेष लाभ होगा।

कर्क राशि
चंद्र ग्रहण शुभ फल प्रदान करने वाला और सुख समृद्धि को बढ़ाने वाला साबित होगा।

सिंह राशि
मान.सम्मान पर संकट आ सकता है। ऐसे कार्य को करने से बचना चाहिए जिसके चलते उन्हें भविष्य में अपमानित होना पड़े।

कन्या राशि
कन्या राशि के कुछ जातकों को बड़े कष्ट सहने पड़ सकते हैं।

तुला राशि
तुला राशि वाले जातकों को पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

वृश्चिक राशि
यह चंद्र ग्रहण सुख और सौभाग्य प्रदान करने वाला होगा, अटके काम पूरे होंगे।

धनु राशि
चिंताओं को बढ़ाने वाला होगा और उन्हें भविष्य में अनचाही समस्याओं से जूझना पड़ सकता है।

मकर राशि
पीड़ा का कारक बनेगा, ऐसे में घर से निकलने से बचना चाहिए।

कुंभ राशि
ग्रहण श्री और सौभाग्य को बढ़ाने वाला साबित होगा। धन लाभ होगा।

मीन राशि
मीन राशि के जातकों को सावधान रहना होगा, क्योंकि आपको अचानक नुकसान होगा।

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देश और दुनिया के लिए कैसे रहेंगे ग्रहण?

25 अक्टूबर को साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगा था और यह भी अंतिम चंद्र ग्रहण है। सूर्य ग्रहण का संबंध, शासन व सरकार से होता है। चंद्र ग्रहण का मन मस्तिष्क से होता है। सूर्य ग्रहण के कारण सत्ता परिवर्तन, राष्ट्राध्यक्षों को नुकसान होता है। जैसे हमारी भविष्यवाणी भी थी कि 25 अक्क्टूबर के सूर्य ग्रहण के 41 दिन पहले औेर 41 दिन बाद सरकारें एवं शासक प्रभावित होंगे।

इंग्लैंड में भारतीय शासक आ गया और पाकिस्तान में पूर्व शासक को गोली मारी गई। वहां के वर्तमान शासक को जनाक्रोश का सामना करना पड़ेगा। ऐसा अन्य कई देशों में संभावित है। जहां वर्तमान शासक को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। भारत के भी कई राज्यों में चुनाव इसी अवधि में होंगे। किसी की कुर्सी जाएगी,किसी की आएगी। प्राकृतिक आपदाओं का जोर रहता है। मोरबी के पुल टूटने और 140 लोगों के मरने का समाचार मिला।कई जगह भूकंप आए।

चंद्र ग्रहण का संबंध जल से अधिक होता है। इस बार सर्दी, बर्फ अधिक पड़ेगी। मौसम अप्रत्याशित रुप से बदलता रहेगा। तटीय क्षेत्रों में तूफान, सुनामी आने की संभावना अधिक रहेगी। ग्रहण धरती के जिस अक्षांश व रेखांश पर दृश्य होता है, वहां इसका प्रभाव अधिक पड़ता है। पृथ्वी के हर भाग पर इसका असर पड़े, यह जरुरी नहीं।

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