Chaitra Amavasya 2022 : हिंदू धर्म में (Chaitra Amavasya) अमावस्या और पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। कहा (Chaitra Amavasya) जाता है कि अमावस्या तिथि पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए खास होता है, इसलिए इस दिन पितृदोष से छुटकारा पाने के लिए उपाय किए जाते हैं। ज्योतिष जानकारों का कहना है कि जिन लोगों को पितृ दोष होता है, उनकी तरक्की में हमेशा कोई ना कोई बाधा आती रहती है।
Chaitra Amavasya 2022
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इसके अलावा उन्हें संतान सुख में भी बाधा उत्पन्न होती है। ऐसे में जानते हैं कि चैत्र अमावस्या (Chaitra Amavasya 2022) कब है और पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जाते हैं।
Chaitra Amavasya 2022 : कब है चैत्र अमावस्या?
हिंदी पंचांग के मुताबिक चैत्र अमावस्या तिथि 31 मार्च, दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से शुरू हो रही है। साथ ही अमावस्या तिथि का समापन 1 अप्रैल, सुबह 11 बजकर 53 मिनट पर होगा। हालांकि उदया तिथि के आधार पर चैत्र अमावस्या, शुक्रवार 1 अप्रैल को है। इस दिन सुबह 9 बजकर 37 मिनट तक ब्रह्म योग है। जिसके बाद इंद्र योग शुरू हो जाएगा।
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पितृ दोष से मुक्ति के लिए कौन से उपाय किए जाते हैं?
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक चैत्र अमावस्या के दिन सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दान किया जाता है। आसपास नदी ना होने पर घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए। जो लोग पितृ दोष से प्रभावित रहते हैं, वे पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान और दान करते हैं। साथ ही ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं। भोजन का एक हिस्सा कौआ और गाय को खिलाते हैं। इसके बाद अंत में पितृ से आशीर्वाद लेते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए क्या बताए गए हैं उपाय?
चैत्र अमावस्या, काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भी खास मानी जाती है। इस दिन काल सर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए चांदी के नाग-नागिन की पूजा की जाती है। इसके बाद उसे किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है। इसके साथ ही गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र के जाप भी किए जाते हैं। इसके अलावा त्र्यंबकेश्वर नासिक या उज्जैन आदि तीर्थ क्षेत्र में सर्प पूजा कराने से कास सर्प दोष से मुक्ति मिलने की मान्यता है।
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