मित्रों नमस्कार। आशा है कि आप गणेश जी की कृपा से स्वस्थ व प्रसन्न होंगे। आज शनिवार है। शनिदेव न्याय के देवता हैं। जब किसी जातक पर शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती होती है तो उस अवधि में शनिदेव जातक को परेशानी तो देते ही हैं, साथ ही वह जातक को सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देते हैं, ताकि जातक अपने जीवन में बुरे कार्यों को छोड़कर हमेशा सही कार्य करता रहे।
यदि आप भी शनि की ढैय्या या साढेसाती का प्रकोप है तो यह आर्टिकल आपके लिए बेहद ही खास है। क्योंकि इस आर्टिकल में कुछ ऐसी जानकारी दी जा रही है कि जिससे आप शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती के दौरान मिलने वाले विपरित प्रभाव से बच सकें।
समस्या है तो समाधान भी है। फ्री ज्योतिष से बात करें। क्लीक करें।
शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या कुंडली में शनि नीच का होकर बुरे फल दे रहा है तो घर में एक मिट्टी के पात्र में शहद रखना चाहिए और मंदिर में शहद का दान करना चाहिए। इससे शनि के बुरे फल मिलना बंद हो जाएंगे। घर में शहद रखने और खाने से शनि शांत रहता है। शहद की प्रकृति गर्म होती है, इसलिए गर्म तासीर के लोगों को इसके अत्यधिक प्रयोग से बचना चाहिए। शनिवार को काले कपड़े पहनने से बचना चाहिए।
कभी भी किसी के लिए झूठी गवाही ना दें, ब्याज का धंधा ना करें, शराब ना पीएं, जुआ-सट्टा खेलना, ईश्वर के खिलाफ होना, धर्म का मजाक बनाना या उड़ाना, धर्म का अपमान नहीं करें, पराई स्त्री पर नजर ना रखें। किसी अंधे, गरीब, अपंग, मेहतर, सफाईकर्मी, मोची, पशु, कुत्ते, सांप, भैंस और कौए को ना सताएं। इसके अलावा चाचा-चाची, माता-पिता, सेवकों और गुरु का अपमान ना करें।
इस साल होली पर बन रहे हैं विशेष संयोग, जानिए क्या है खास बात
घर पर रहकर अथवा मंदिर में जाकर प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें। मंगलवार के दिन हनुमानजी के मंदिर में तिल के तेल का दीया जलाएं। शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करें।
मंदिर में जाकर छायादान, जूता दान, अन्न दान और काले तिल या उड़द का दान करें।
सर्वप्रथम शनि ग्रह के स्वामी भगवान भैरव से माफी मांगते हुए उनकी उपासना करें। किसी भी भैरव मंदिर में जाकर शराब या दूध चढ़ाएं। शनि की शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप भी कर सकते हैं। लेकिन आपको कुछ भी एक काम ही करना चाहिए। ऐसा नहीं है कि सभी भगवान को साधने लगे। यह अकाट्य सत्य है कि जो हनुमानजी की शरण में रहता है उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।