लाल किताब

घर के इन दो स्थानों को नहीं रखा साफ तो राहु पहुंचाता है बड़ा नुकसान

राहु के कारण जीवन में अचानक आने वाली घटना और दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं। कई बार अचानक कोई रोग उत्पन्न होता है व्यक्ति अस्पताल में भर्ती हो जाता है। राहु के कारण जातक पागलपन का भी शिकार हो जाता है। लाल किताब के वस्तु के अनुसार यूं तो राहु की स्थिति कई जगहों पर बताई गई हैं परंतु खास दो जगहों को साफ सुथरा नहीं रखा तो राहु का प्रकोप प्रारंभ हो जाता है फिर भले ही कुंडली में राहु की स्थिति कितनी ही सही हो। तो आओ जानते हैं कि वो दो जगहें कौन सी हैं और उन्हें किसी तरह साफ सुथरा रख सकते हैं।

घर में शौचालय राहु का मुख्य स्थान होता है। पुराने समय में शौचालय घर में इसीलिए नहीं रखते थे। फिर जब घर में ही शौचालय रखने की परंपरा प्रारंभ हुई तो घर के पीछे थोड़ी दूर पर ही शौचालय बनाते थे परंतु आजकल तो घर के भीतर ही शौचालयों का निर्माण होता है।

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शौचालय या टॉयलेट का खराब होना, टूटा-फूटा होना, बदरंगी होना या गंदा होना राहु को निमंत्रण देना माना जाता है। यह घर में रोग और शोक को जन्म देता है।
यदि गलती से आपका शौचालय ईशान कोण में बन गया है तो फिर यह बहुत ही धनहानि और अशांति का कारण बन जाता है। प्राथमिक उपचार के तौर पर उसके बाहर शिकार करते हुए शेर का चित्र लगा दें। शौचालय में बैठने की व्यवस्था यदि दक्षिण या पश्चिम मुखी है तो उचित है।

वास्तु शास्त्र में बाथरूम में चंद्रमा का वास और टॉयलेट में राहु का वास रहता है। यदि चंद्रमा और राहु एक जगह इकट्ठे होते हैं तो यह ग्रहण योग बनाते हैं। इससे चंद्रमा दूषित हो जाता है। चंद्रमा के दूषित होते ही कई प्रकार के दोष उत्पन्न होने लगते हैं क्योंकि चंद्रमा मन और जल का कारक है जबकि राहु को विष समान माना गया है जो मस्तिष्‍क को खराब करता है। इस युति से जल विष युक्त हो जाता है। जिसका प्रभाव पहले तो व्यक्ति के मन पर पड़ता है और दूसरा उसके शरीर पर।
शौचालय को स्वच्छ, सूखा और सुंदर बनाकर रखे। इसमें सुगंधित वातावरण होगा तो राहु का दोष नहीं होगा। इसके लिए आप शौचालय के किसी कोने में कर्पूर की एक डली कहीं रख दें या खड़ा नमक किसी कांच के बाऊल में रख दें।

राहु का दूसरा स्थान होता है सीढ़ियों पर। सीढ़ियां टूटी फूटी या गंदी है तो राहु सक्रिय होगा। यदि सीढ़ियां साफ, स्वच्‍छ और सुंदर नहीं है तो वहां पर राहु सक्रिय होकर जीवन में उथल पुथल मचा देता है। शत्रु सक्रिय हो जाते हैं और व्यक्ति कर्ज से भी घिर जाता है।
घर में सीढ़ियों को पूर्व से पश्चिम या उत्तर से दक्षिण की ओर ही बनवाएं। कभी भी उत्तर-पूर्व में सीढ़ियां न बनवाएं। लेकिन यदि गलत दिशा में बनी है तो कम से कम उसे साफ सुधरा तो रखें। हो सकते हैं उसे सुंदर बनाएं।

लाल किताब के अनुसार राहु का दोष उत्पन्न होने से जीवन में घटना और दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं। अत: घर का टॉयलेट और सीढ़ियां हमेशा साफ-सुथरी और दोषमुक्त रखना चाहिए।

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Tagged rahu ka prakop, Rahu planets, remedy of rahu, राहु का प्रकोप
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महेश कुमार शिवा ganeshavoice.in के मुख्य संपादक हैं। जो सनातन संस्कृति, धर्म, संस्कृति और हिन्दी के अनेक विषयों पर लिखतें हैं। इन्हें ज्योतिष विज्ञान और वेदों से बहुत लगाव है।
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