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2021 के आखिरी प्रदोष व्रत पर बन रहा खास संयोग, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि Shukra Pradosh Vrat 2021

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Shukra Pradosh Vrat 2021 : सुख-समृद्धि के लिए कई व्रत किए जाते हैं। लेकिन प्रदोष व्रत का खास महत्व है। प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है। यह व्रत महीने में दो बार पड़ता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक यह व्रत भगवान शिव की कृपा पाने के लिए किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक शिव की उपासना करने से हर मनोकामना पूरी होती है। साल 2021 का आखिरी प्रदोष व्रत 31 दिसंबर, शुक्रवार के दिन है। जानते हैं इस व्रत से जुड़ी अहम बातें…

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Shukra Pradosh Vrat 2021

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शुक्र प्रदोष व्रत के लाभ
2021 का आखिरी शुक्र प्रदोष व्रत 31 दिसंबर को है। इस प्रदोष के बारे में मान्यता है कि इसे करने वाला सौभाग्यशाली होता है। साथ ही जीवन में आ रही हर प्रकार की परेशानियों से भी छुटकारा मिल जाता है। इसके अलावा शुक्र प्रदोष व्रत करने वाले को जीवन में किसी चीज की कमी नहीं होती है। साथ ही घर-परिवार में सुख और समृद्धि बनी रहती है। इतना ही नहीं, इस व्रत को विधि विधान से करने पर जीवन निरोग रहता है और लंबी उम्र का भी वरदान मिलता है।

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शुक्र प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
साल 2021 का आखिरी शुक्र प्रदोष व्रत 31 दिसंबर 2021, शुक्रवार के दिन है। इस दिन त्रयोदशी तिथि सुबह 10 बजकर 39 मिनट से शुरू है। प्रदोष काल शाम 5 बजकर 35 मिनट से रात 08 बजकर 19 मिनट तक है। जबकि त्रयोदशी तिथि की समाप्ति 1 जनवरी 2022 को सुबह 07 बजकर 17 मिनट तक है।

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शुक्र प्रदोष व्रत पूजा-विधि
शुक्र प्रदोष व्रत के दिन सुबह नहाकर पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। इसके बाद हाथों में फूल, अक्षत, धन आदि लेकर पूजा का संकल्प करें। व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने के बाद इनके मंत्रों का जाप करें। सूर्यास्त के समय स्नान के बाद शिवजी की विधि विधान से पूजा करें। इसके बाद प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें। व्रत-कथा के बाद शिव को लगाए गए भोग को खुद लेकर औरों के बीच बांटें।

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maheshshivapress
महेश के. शिवा ganeshavoice.in के मुख्य संपादक हैं। जो सनातन संस्कृति, धर्म, संस्कृति और हिन्दी के अनेक विषयों पर लिखतें हैं। इन्हें ज्योतिष विज्ञान और वेदों से बहुत लगाव है।
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