Shani Dev

Shani Dev: 2025 तक इस राशि पर कहर बरसाने वाले हैं शनि देव

Shani Dev : किसी भी ग्रह का गोचर (Shani Dev) या वक्री कुछ राशि के जातकों के लिए लाभदायी होती है, तो कुछ के लिए ये समय बहुत ही दुखदायी होता है। शनि देव (Shani Dev) को दंडदायक या न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है। शनि अगर किसी राशि के जातकों पर मेहरबान होते हैं, तो उसे राजा बना देते हैं। वहीं, शनि की कुदृष्टि व्यक्ति को बर्बाद कर देती है।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर और कुंभ राशि का स्वामी ग्रह शनि देव हैं।

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आपको बता दें कि फिलहाल शनि अपनी राशि में कुंभ में विराजमान है। शनि जिस राशि में विराजमान होते हैं उस राशि के लिए ये समय भारी हो जाता है। शनि के किसी भी राशि में विराजमान होने पर उस राशि के जातकों पर शनि साढ़े साती शुरू हो जाती है और ये समय सबसे कष्टदायी साबित होता है। बता दें कि शनि कुंभ राशि में 29 मार्च 2025 तक विराजमान रहने वाले हैं। तब तक कुंभ राशि के जातकों के लिए ये समय बेहद कष्टदायी रहने वाला है।

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आपको बता दें कि साल 2022 में 24 जनवरी से कुंभ राशि के वालों के बुरे दिन शुरू हो गए थे। इस दिन से कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती लग गई थी और 29 अप्रैल 2022 को शनि के राशि बदलते ही कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण शुरू हो गया था।

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बता दें कि शनि की साढ़े साती के तीन चरण होते हैं और दूसरा चरण सबसे कष्टदायी होता है। माना जाता है कि साढ़े साती का दूसरा चरण अपने चरम पर होता है और जातक को शनि के प्रकोप का सामना करना पड़ता है। इस चरण में व्यक्ति को चारों तरफ से परेशानियां घेर लेती हैं और कहीं से कोई सहयोग नहीं मिलता।

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इस स्थिति में होता है लाभकारी
अगर किसी जातक की कुंडली में शनि के मजबूत स्थिति में होने पर ये समय व्यक्ति के लिए विशेष रूप से फलदायी साबित हो सकता है। ज्योतिषीयों के अनुसार ऐसा जरूरी नहीं होता कि शनि की दशा का प्रभाव व्यक्ति पर नकारात्मक ही मिले। ये प्रभाव शुभ फलदायी भी साबित हो सकते हैं। अगर कुंडली में शनि मजबूत स्थान पर हैं तो व्यक्ति को शनि साढ़े साती और शनि ढैय्या के दौरान लाभ प्राप्त होंगे। वहीं शनि की कमजोर स्थिति व्यक्ति को समस्याओं से घेर लेगी।

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