Rudrabhishek

भारत के 108 शहरों में एक साथ होगा रुद्राभिषेक और हवन Rudrabhishek

Rudrabhishek : सिद्धयोग मठ अखाड़े के (Rudrabhishek) महामंडलेश्वर संत कमलकिशोर जी महाराज ने महाशिवरात्रि (Rudrabhishek) के पर्व की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सृष्टि के प्रारम्भ का दिन, शून्यता से ब्रह्मांड के विस्तार का दिन, शिव-पार्वती (अर्धनारीश्वर ) के परम मिलन यानि विवाह का दिन और मनुष्यों के लिए परमपद प्राप्ति का दिन है महाशिवरात्रि ।

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सिद्ध योग मठ अखाड़ा के आचार्य मंडलेश्वर श्री श्री 1008 बाल योगी अलखनाथ औघड़ जी महाराज ने बताया जब कुण्डली में सातों ग्रह किन्हीं चार राशियों में हों तो केदार योग बनता है, जो कि इस महाशिवरात्रि पर भी बन रहा है।
इस बार आनन्द संवत्सर, संवत 2078 के फाल्गुन माह की चतुर्दशी यानि 1 मार्च को मंगलवार को पड़ने वाली महाशिवरात्रि के दिन मकर राशि में पाँच ग्रह यथा मंगल, शुक्र, बुध, चन्द्र और शनि एक साथ रहेंगे । लग्न में कुम्भ राशि में सूर्य और गुरु की युति, चौथे भाव में वृष राशि में राहू, वृश्चिक राशि के दसवें भाव में केतु विराजमान होंगे। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 27 फरवरी को सुबह 08:49 बजे से लग रहा है, जो अगले दिन सुबह 06:48 बजे तक रहेगा, जबकि त्रिपुष्कर योग 27 फरवरी की सुबह 08:49 बजे से प्रारंभ हो रहा है. और 28 फरवरी को सुबह 05:42 बजे तक रहेगा ।

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महाशिवरात्रि के दिन पूजा के लिए सुबह 11:47 से दोपहर 12:34 तक अभिजीत मुहूर्त और दोपहर 02:07 से 02:53 तक विजय मुहूर्त रहेगा। शाम 05:48 से 06:12 तक गोधूलि मुहूर्त रहेगा। महाशिवरात्रि पर इस बार धनिष्ठा नक्षत्र के साथ परिघ योग बन रहा है। इसके बाद शतभिषा नक्षत्र और शिव योग का संयोग भी रहेगा। प्रात: 3 बज कर 16 मिनट से चतुर्दशी प्रारम्भ के साथ ही भगवान शिव का रुद्राभिषेक शुरू हो जाएगा।

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उपरोक्त पंचग्रही योग और अन्य योग इस वर्ष की महाशिवरात्रि को विशिष्टता प्रदान करते हैं। इस दिन पूर्ण श्रद्धा से किए गए उपवास और विधिवत पूजन से मनुष्य की हर प्रकार की इच्छा औघड़-दानी भोलेनाथ भगवान शिव पूरी करते हैं। धन, बल,ऐश्वर्य, बुद्धि, और पद-प्रतिष्ठा मे विशेष वृद्धि होती है। मोक्ष चाहने वालों को मोक्ष के साथ-साथ परम पद की भी प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्रानुसार इस पंचग्रही योग में जन्म लेने वाला बच्चा उदार, उच्च कोटी का चरित्रवान, अतुल धन का स्वामी, व्यवहार कुशल, इंद्रियों को वश में रखने वाला, अति उत्तम वक्ता, कीर्तिवान और साहसी होता है।

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पूजन में बिल्वपत्र, आकपत्र, धत्तूर पत्र, गंगा जल, दूध, मधु, दही, गो-घृत और भस्म से अभिषेक करने, और “ॐ नमः शिवाय” का जाप करने तथा हवन करने से जीवन का हर सुख प्राप्त होता है। सिद्धयोग मठ अखाड़े के महामंडलेश्वर संत कमलकिशोर जी महाराज ने कहा कि सहारनपुर में दिल्ली रोड स्थित आयास आयुर्वेदिक अस्पताल में महाशिवरात्रि पर उनके निर्देशन में सामूहिक रुद्राभिषेक और हवन प्रातः 10 बजे से 12 बजे तक होगा जिसके बाद सभी भक्तगणों को प्रसाद वितरित किया जाएगा !

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