Navratri 2021 :नवरात्र यानि नौ दिनों तक चलने वाली देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना के साथ ही इस पावन पर्व पर कई घरों में घटस्थापना होती है, तो कई जगह अखंड ज्योति प्रज्जवलित किए जाने का विधान है। शक्ति की आराधना करने वाले जातक अखंड ज्योति जलाकर माँ दुर्गा की साधना करते हैं।
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अखंड ज्योति अर्थात ऐसी ज्योति जो खंडित न हो। अखंड ज्योति पूरे नौ दिनों तक अखंड रहनी चाहिए यानी जलती रहनी चाहिए। अंखड दीप को विधिवत मत्रोच्चार से प्रज्जवलित करना चाहिए।
नवरात्रि में कई नियमों का पालन किया जाता है।
अखंड ज्योति का महत्व व नियम
नवरात्रि में अखंड ज्योति का बहुत महत्व होता है। इसका बुझना अशुभ माना जाता है। जहां भी ये अखंड ज्योति जलाई जाती है, वहां पर किसी न किसी की उपस्थिति जरुरी होती, इसे सूना छोड़कर नहीं जाते है।
अखंड ज्योति में दीपक की लौ बांये से दांये की तरफ जलनी चाहिए।
इस प्रकार का जलता हुआ दीपक आर्थिक प्राप्ति का सूचक होता है।
दीपक का ताप दीपक से 4 अंगुल चारों ओर अनुभव होना चाहिए, इससे दीपक भाग्योदय का सूचक होता है।
जिस दीपक की लौ सोने के समान रंग वाली हो वह दीपक आपके जीवन में धन-धान्य की वर्षा कराता है एवं व्यवसाय में तरक्की का सन्देश देता है।
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निरंन्तर 1 वर्ष तक अंखड ज्योति जलने से हर प्रकार की खुशियों की बौछार होती है।
ऐसा दीपक वास्तु दोष, क्लेश, तनाव, गरीबी आदि सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करता है।
अगर आपकी अखंड ज्योति बिना किसी कारण के स्वयं बुझ जाए तो इसे अशुभ माना जाता है।
दीपक में बार-बार बत्ती नहीं बदलनी चाहिए।
दीपक से दीपक जलाना भी अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से रोग में वृद्धि होती है, मांगलिक कार्यो में बाधायें आती हैं।
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संकल्प लेकर किए अनुष्ठान या साधना में अखंड ज्योति जलाने का प्रावधान है।
अखंड ज्योति में घी डालने या फिर उसमें कुछ भी बदलाव का काम साधक को ही करना चाहिए, अन्य किसी व्यक्ति से नहीं करवाना चाहिए।
अंखड ज्योति स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा
दरअसल ऐसा माना जाता है कि मां के सामने अंखड ज्योति जलाने से उस घर में हमेशा से मां की कृपा रहती हैं।
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नवरात्र में अंखड दीप जलाना स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है क्योंकि घी और कपूर की महक से इंसान की श्वास और नर्वस सिस्टम बढ़िया रहता है।
नवरात्र में अखंड दीप जलाने से मां कभी अपने भक्तों से नाराज नहीं होती हैं।
नवरात्र में अखंड ज्योति से पूजा स्थल पर कभी भी अनाप-शनाप चीजों का साया नहीं पड़ता है।
नवरात्र में घी या तेल का अखंड दीप जलाने से दिमाग में कभी भी नकारात्मक सोच हावी नहीं होती है और चित्त खुश और शांत रहता है।
घर में सुगंधित दीपक की महक चित्त शांत रखता है जिसके चलते घर में झगड़े नहीं होते, वातावरण शांत रहता है।
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