Maa kali 1 ganeshavoice.in दिवाली पर क्यों की जाती है काली पूजा, क्या है इसका महत्व, जानिए रहस्य : Kali Puja on Diwali
ज्योतिष जानकारी राशिफल व्रत एवं त्यौहार

दिवाली पर क्यों की जाती है काली पूजा, क्या है इसका महत्व, जानिए रहस्य : Kali Puja on Diwali

Kali Puja on Diwali : भारत के अधिकतर राज्यों में दीपावली की अमावस्‍या पर देवी लक्ष्‍मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं लेकिन पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और असम में इस अवसर पर मां काली की पूजा (Kali Puja) होती है। यह पूजा अर्धरात्रि में की जाती है। आखिर काली पूजा क्यों और कैसी होती है, जानिए महत्व।

Maa kali 1 ganeshavoice.in दिवाली पर क्यों की जाती है काली पूजा, क्या है इसका महत्व, जानिए रहस्य : Kali Puja on Diwali

जीवनसाथी की तलाश हुई आसान! फ्री रजिस्ट्रेशन करके तलाश करें अपना हमसफर

समस्या है तो समाधान भी है, विद्वान ज्योतिषी से फ्री में लें परामर्श

क्यों करते हैं काली पूजा?
राक्षसों का वध करने के बाद भी जब महाकाली का क्रोध कम नहीं हुआ तब भगवान शिव स्वयं उनके चरणों में लेट गए। भगवान शिव के शरीर स्पर्श मात्र से ही देवी महाकाली का क्रोध समाप्त हो गया। इसी की याद में उनके शांत रूप लक्ष्मी की पूजा की शुरुआत हुई जबकि इसी रात इनके रौद्ररूप काली की पूजा का विधान भी कुछ राज्यों में है।

Good News : महंगे पेंट से मिलेगी निजात, बनाया जाएगा गाय के गोबर से पेंट

काली पूजा का महत्व क्या है?
दुष्‍टों और पापियों का संहार करने के लिए माता दुर्गा ने ही मां काली के रूप में अवतार लिया था। माना जाता है कि मां काली के पूजन से जीवन के सभी दुखों का अंत हो जाता है। शत्रुओं का नाश हो जाता है। कहा जाता है कि मां काली का पूजन करने से जन्‍मकुंडली में बैठे राहु और केतु भी शांत हो जाते हैं। अधिकतर जगह पर तंत्र साधना के लिए मां काली की उपासना की जाती है।

नहीं होगी पैसों की किल्लत, कार्तिक मास में करें तुलसी से जुड़े ये उपाय 

कैसे होती है काली पूजा?
1. दो तरीके से मां काली की पूजा की जाती है, एक सामान्य और दूसरी तंत्र पूजा। सामान्य पूजा कोई भी कर सकता है।

2. माता काली की सामान्य पूजा में विशेष रूप से 108 गुड़हल के फूल, 108 बेलपत्र एवं माला, 108 मिट्टी के दीपक और 108 दुर्वा चढ़ाने की परंपरा है। साथ ही मौसमी फल, मिठाई, खिचड़ी, खीर, तली हुई सब्जी तथा अन्य व्यंजनों का भी भोग माता को चढ़ाया जाता है। पूजा की इस विधि में सुबह से उपवास रखकर रात्रि में भोग, होम-हवन व पुष्पांजलि आदि का समावेश होता है।

ज्योतिष के चमत्कारी उपाय, फ्री सर्विस और रोचक जानकारी के लिए ज्वाइन करें हमारा टेलिग्राम चैनल

Google News पर हमसे जुड़ने के लिए हमें यहां क्लीक कर फॉलो करें।

ज्योतिष, धर्म, व्रत एवं त्योहार से जुड़ी ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें और ट्वीटर @ganeshavoice1 पर फॉलो करें।

maheshshivapress
महेश के. शिवा ganeshavoice.in के मुख्य संपादक हैं। जो सनातन संस्कृति, धर्म, संस्कृति और हिन्दी के अनेक विषयों पर लिखतें हैं। इन्हें ज्योतिष विज्ञान और वेदों से बहुत लगाव है।
https://ganeshavoice.in