Basant 2022 भगवान श्रीकृष्ण को बसंत ऋतु (Basant 2022) अत्यंत प्रिय है। उन्होंने इस मौसम को स्वयं का स्वरूप कहा है। (Basant 2022) अगर आप इस मौसम में श्रीकृष्ण की विशेष मंत्रों का जाप करके आराधना करते हैं तो अपने तमाम कष्टों को दूर कर सकते हैं।
बसंत पंचमी से बसंत (Basant 2022) के मौसम का आगाज हो जाता है। आमतौर पर लोग बसंत के मौसम को माता सरस्वती की आराधना के लिए मानते हैं, लेकिन आपको बता दें कि बसंत का मौसम भगवान श्रीकृष्ण को भी अति प्रिय है। इस मौसम में प्रकृति पुरानी चीजों को त्यागकर अपना नए तरीके से शृंगार करती है।
गीता में बसंत के मौसम के बारे में श्रीकृष्ण भगवान ने कहा है कि ‘सभी ऋतुओं में मैं बसंत हूं’ यानी उन्होंने बसंत के मौसम को स्वयं का स्वरूप बताया है। 5 फरवरी 2022 को शनिवार के दिन से बसंत का मौसम शुरु हो जाएगा। इस मौसम में आप श्री कृष्ण के कुछ मंत्रों का जाप करके अपनी तमाम परेशानियों को दूर कर सकते हैं।
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संकटों को दूर करने वाले श्रीकृष्ण मंत्र
कृं कृष्णाय नम:
यदि आप जीवन में तमाम कष्टों से घिरे हुए हैं, तो आपको श्रीकृष्ण के इस मंत्र का नियमित रूप से 108 बार जाप करना चाहिए। कहा जाता है कि इस मंत्र से बड़ी से बड़ी मुश्किल भी आसानी से समाप्त हो जाती है।
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ॐ श्रीं नम: श्री कृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा
ये श्रीकृष्ण का सप्तदशाक्षर महामंत्र है, कहा जाता है कि यदि इस मंत्र को सिद्ध कर लिया जाए तो व्यक्ति को करोड़पति होने से कोई नहीं रोक सकता।
हे कृष्ण द्वारकावासिन् क्वासि यादवनन्दन, आपद्भिः परिभूतां मां त्रायस्वाशु जनार्दन
जीवन में अचानक किसी मुश्किल में फंस जाएं और कोई राह न दिखे तो इस मंत्र का जाप करें। इससे आपको समस्या का समाधान जरूर मिलेगा।
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ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात
ये कृष्ण गायत्री मंत्र है। कहा जाता है कि इस मंत्र के जाप से जीवन के किसी भी तरह के दुख दूर हो सकते हैं।
ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय
ये श्रीकृष्ण का द्वादशाक्षर मंत्र है। प्रेम विवाह की इच्छा रखने वालों व सुख, समृद्धि और सौभाग्य की चाहत रखने वालों को इस मंत्र का निरंतर जाप करना चाहिए।
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आदौ देवकी देव गर्भजननं, गोपी गृहे वद्र्धनम्, माया पूतं जीव ताप हरणं गौवद्र्धनोधरणम्, कंसच्छेदनं कौरवादिहननं, कुंतीसुपाजालनम्, एतद् श्रीमद्भागवतम् पुराण कथितं श्रीकृष्ण लीलामृतम्, अच्युतं केशवं रामनारायणं कृष्ण:दामोदरं वासुदेवं हरे, श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं जानकी नायकं रामचन्द्रं भजे।
इसे श्लोकी भागवत कहा जाता है। माना जाता है कि नियमित रूप से स्नान के बाद तुलसी की माला से यदि इसका जाप किया जाए तो बड़ी से बड़ी मुश्किल दूर हो जाती है। इसके जाप से श्रीमद्भागवत पढ़ने का पुण्य प्राप्त होता है। व्यक्ति के पाप कट जाते हैं और बुरे दिन दूर हो जाते हैं।
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