श्री हनुमान चालीसा के गुप्त रहस्य : पार्ट 01
नमस्कार दोस्तों। आप सभी में से अधिकांश ने हनुमान चालीसा का अध्ययन तो अवश्य किया होगा। लेकिन क्या आप हनुमान चालीसा के गुप्त रहस्य भी जानते हैं या नहीं। आज से हम आपके लिए हनुमान चालीसा के गुप्त रहस्य लेकर आए हैं। रोजाना हनुमान चालीसा की एक चौपाई या छंद के गुप्त रहस्यों की जानकारी दी जाएगी।
शुरू करते हैं पहले छंद से
श्री गुरु चरण सरोज रज निज मनु मुकुर सुधारि।
बरनऊ रघुबर बिमल जसु जो दायक फल चारि।
सबसे पहला छंद श्री गुरु चरण सरोज रज अर्थात सबसे पहले मैं अपने गुरु के चरणों की धूल से अपने मन को चमकाने के बाद में चार फल देने वाले रघुवर का गुणगान करता हूं। हमारा जो मन है यह दो भागों में बटा हुआ है भौतिक संसार और मानसिक संसार । भौतिक संसार हमारी आंखों के सामने चलता है और मानसिक हमारे मन में चलता है। हमें सुनने के लिए आता है आत्मा और शरीर शिव और शक्ति यह हमें यही बताने की है कि एक भौतिक संसार है और एक मानसिक। जैसा हमारा मन होता है हमें वैसा ही हमें दिखाई देता है।
हमें ऐसा लगता है कि हम रियल वर्ल्ड से जुड़े हैं पर हम अपने मन से जुड़े हैं और जो हमारे मन में होता है वही हम देखने की कोशिश करते है क्योंकि आप किसी शीशे में अपनी शक्ल देखे हैं और वह मेरा गंदा है तो आपको अपना चेहरा भी गंदा ही लगता है, तो हम क्या करते हैं जल्दी से उस शीशे को साफ करते हैं और अपना साफ चेहरा देखते हैं अर्थात जैसा हमारा मन है वैसा ही हमें दिखेगा। जो मन में जमी हुई धूल है इसका कौन साफ करेगा और कौन बताएगा कि आपका मन ही खराब है? इसीलिए एक गुरु की सिद्धि चाहिए होती है।
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एक गाइड चाहिए होता है, इसके लिए जरूरी नहीं कोई गुरु ही हो कोई टीचर ही हो कोई भी इंसान जो आपसे उम्र में छोटा भी हो या प्रकृति भी बहुत से रूपों में हमें ज्ञान देती है। हमारा मन साफ होगा हमें सामने वाला साफ दिखाई देगा और जब हमारा मन साफ होगा तो हमारे जो भगवान है जैसे राम जी जिन्हें चार फलों के दाता कहा गया है। चार फल होते हैं जैसे : धर्म अर्थात सामाजिक व्यवस्था बनाए रखना। धर्म के बाद होता है अर्थ : धन और शक्ति इसे बोलते हैं। धन कमाने की शक्ति इसके बाद होता है।
काम का अर्थ होता है आनंद, आनंद लेने की शक्ति। मोक्ष का मतलब होता है सांसारिक बंधनों से मुक्ति मतलब जो हमारी मैटेरियलिस्टिक इच्छाएं होती हैं उनसे मुक्ति। तो चार फल होते हैं धर्म अर्थ काम मोक्ष । हम तभी आगे बढ़ सकते हैं जब हमारा मन साफ होता है जो कि गुरु के बिना मुश्किल है। इस छंद को आगे बढ़ाते हैं तो देखते हैं कि गुरु हमारे मन को साफ करेंगे और फल हमें भगवान देंगे। अभी हम हनुमान चालीसा में एंटर नहीं हुए हैं इसके बाद एक और छंद आएगा उसके बाद हम हनुमान चालीसा में एंटर करेंगे। अर्थात आप हनुमान जी को क्या समझेंगे पहले अपने मन को तो साफ करो ताकि आप उनको समझ सके पहले दो छंदों में हनुमान का जिक्र ही नहीं है।
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एक तरह से यह चंद मेंटल क्लेरिटी के लिए बहुत अच्छा है इस छंद को हम बार-बार जाप करते हैं या दिन में एक बार ही पढ़ते हैं तो हमें मेंटल क्लेरिटी मिलती है या कोई भी काम जिसे हम समझना चाहते हैं और हमें समझ नहीं आ रहा कि उसका कोई और छोर कैसे है तब भी हम इसका चैंप कर सकते हैं और हमें बहुत अच्छा रिजल्ट मिल जाता है।