एस्ट्रो न्यूज ज्योतिष जानकारी

एस्ट्रोलॉजी में युद्ध समय संस्कार क्या होता है, कैसे होती है इसकी गणना ?

प्रो. अशोक भाटिया, ज्योतिषाचार्य

प्रोफेसर अशोक भाटिया, ज्योतिषाचार्य
मित्रों नमस्कार। गणेशा वॉयस डॉट इन में आप सभी का स्वागत है। बात ज्योतिषीय शंका को लेकर शुरु हुई थी। पिछले कुछ आर्टिकल्स में हमने आपकी शंकाओं का समाधान किया। अब एक जिज्ञासु ने प्रश्न किया है कि एस्ट्रोलॉजी में युद्ध समय संस्कार क्या होता है। यह प्रश्न बेहद ही दिलचस्प है और इस पर गहन विचार विचार विमर्श किया जा सकता है।
प्रश्न का उत्तर देने से पहले द्वितीय विश्व युद्ध पर चर्चा करनी होगी। दरअसल जिस वक्त द्वितीय विश्व युद्ध हुआ उस समय ब्रिटिश, जिसका राज्य भारत में था, ने नियम अनुसार अपने यहां समय परिवर्तन किया हुआ था। लंदन से भारत में आर्डर करने में एक घंटे का अंतराल आ जाता था। तो उन्होंने भारत में भी घड़ियां एक घंटे आगे करवा दी। इसे डे लाइट सेविंग कहा जाता है।

समस्या है तो समाधान भी है, ज्योतिषी से फ्री में बात करें, क्लीक करें

ज्योतिष में उस समय पैदा हुआ जातक के लिए युद्ध समय संस्कार का एक घंटे का समय घटाया जाता है। भारतीय समय की गणना इंडियन स्टैंडर्ड टाइम यानि कि आईएसटी के आधार पर होती है। आईएसटी का आधार 82 डिग्री 30 मिनट पर पूर्व पर है।

ज्योतिष में गणना के लिए स्थानीय समय निकालने के लिए स्थान अनुसार प्लस या माइनस करना पड़ता है। तब जाकर युद्ध समय संस्कार का समय मिलता है। अब देखिए, बनारस से पूर्व की और प्लस करना पड़ता है तथा बनारस से पश्चिम की ओर माइनस करना पड़ता है।

द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने के बाद भारत में समय आईएसटी के अनुसार हो गया। इसलिए जिनका जन्म द्वितीय विश्व युद्ध के समय हुआ है, उनके जन्म समय में से एक घंटे का समय घटाया जाता है। जिसे युद्ध समय संस्कार कहते हैं।

maheshshivapress
महेश कुमार शिवा ganeshavoice.in के मुख्य संपादक हैं। जो सनातन संस्कृति, धर्म, संस्कृति और हिन्दी के अनेक विषयों पर लिखतें हैं। इन्हें ज्योतिष विज्ञान और वेदों से बहुत लगाव है।
https://ganeshavoice.in

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *