Dev Uthani Ekadashi
व्रत एवं त्योहार राशिफल

कब है इंदिरा एकादशी; मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व Indira Ekadashi 2022

Indira Ekadashi 2022 : शास्त्रों में सभी व्रतों में एकादशी के व्रत को सर्वश्रेष्ठ बताया है। (Indira Ekadashi 2022) यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। आपको बता दें कि हर साल हर माह में दो बार एकादशी पड़ती है। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। (Indira Ekadashi 2022) साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। ये एकादशी पितृपक्ष के दौरान आती है इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।

Indira Ekadashi 2022

Indira Ekadashi 2022
Indira Ekadashi 2022

पंचांग के अनुसार इस साल इंदिरा एकादशी 21 सितंबर को पड़ रही है। मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत रखने से व्रत रखने वाले को स्वर्ग की प्राप्ति होती। साथ ही भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा- विधि…

शुभ मुहूर्त और पारण समय
वैदिक पंचांग के मुताबिक एकादशी तिथि 20 सितंबर को रात 09 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगी और 21 सितंबर बुधवार को रात 11 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी। वहीं उदयातिथि को आधार मानते हुए इंदिरा एकादशी का व्रत 21 सितंबर को ही रखा जाएगा। वहीं इंदिरा एकादशी व्रत का पारण अगले दिन 22 सितंबर को सुबह किया जाएगा।

Indira Ekadashi 2022
Indira Ekadashi 2022

पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और फिर साफ सुथरे कपड़े पहल लें। इसके बाद एकादशी पर श्राद्ध विधि करें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं। साथ ही पंचबलि भी जरूर निकालें। इस दिन भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र पर धूप अगरबत्ती दिखाएं। साथ ही पीली मिठाई का भोग भी लगाएं। साथ ही उपवास रखने से एक दिन पहले की सात्विक भोजन करना आरंभ कर दें।

एकादशी पर व्रत रखने वाले रात्रि जागरण करें और विष्‍णु सहस्‍त्रनाम का पाठ करें। वहीं व्रत के अगले दिन यानी द्वादशी को पूजन के बाद ब्राह्मण को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें। इसके बाद खुद भोजन कर सकते हैं।

उंगलियां देखकर जान सकते हैं किसी की पर्सनालिटी Finger Prediction

Indira Ekadashi 2022
Indira Ekadashi 2022

महत्व
शास्त्रों के अनुसार इंदिरा एकादशी के व्रत से मनुष्य को यमलोक की यातना का सामना नहीं करना पड़ता है। इंदिरा एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को सदियों की तपस्या, कन्यादान और अन्य पुण्यों का बराबर फल मिलता है। इसलिए इस व्रत का विशेष महत्व है। इस व्रत को रखने से व्यक्ति को भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

ज्योतिष के चमत्कारी उपाय,  व्रत एवं त्योहार फ्री सर्विस और रोचक जानकारी के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें और ट्वीटर @ganeshavoice1 पर फॉलो करें।

ज्योतिष, धर्म,

व्रत एवं त्योहार से जुड़ी ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए  ज्वाइन करें हमारा टेलिग्राम चैनल

Google News पर हमसे जुड़ने के लिए हमें यहां क्लीक कर फॉलो करें।