Ganesh Visarjan 2023 : बुधवार यानि 28 सितंबर को मकान, दुकान तथा अन्य भवनों में स्थापित किए गए गणपति बप्पा को विदाई देने का सर्वश्रेष्ठ दिन है। (Ganesh Visarjan 2023) पिछले दस दिनों से की गई गणेश जी महाराज की पूजा अर्चना के बाद अनंत चतुर्दशी को विदाई दी जाती है और गणपति की प्रतिमा का विधि विधान से विसर्जन किया जाता है। (Ganesh Visarjan 2023)
Ganesh Visarjan 2023 पौराणिक ग्रंथों की कथा के अनुसार, शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को गणपति को विदाई दी जाती है। कहते हैं अनंत चतुर्दशी पर गणेश जी अपने लोक लौट जाते हैं इसके साथ भक्तों की सारी पेरशानी, संकट अपने साथ ले जाते हैं। (Ganesh Visarjan 2023) धार्मिक मान्यता है कि विधि पूर्वक गणपति का विसर्जन करने से साल भर भक्तों के घर धन, सुख, समृद्धि बनी रहती है। Ganesh Visarjan 2023
Ganesh Visarjan 2023 Muhurat
गणेश विसर्जन 2023 शुभ मुहूर्त
(अनंत चतुर्दशी) भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि शुरू – 27 सितंबर 2023, रात 10.18
(अनंत चतुर्दशी) भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि समापन – 28 सितंबर 2023, शाम 06.49
गणेश विसर्जन सुबह मुहूर्त – 6.11 AM – 7.40 AM
गणेश विसर्जन दोपहर मुहूर्त – 10.42 AM – 1.42 PM
गणेश विसर्जन शाम मुहूर्त – शाम 04.41 PM – 9.10 PM
गणेश विसर्जन रात्रि मुहूर्त – 12.12 AM – 1.42 AM, 29 सितंबर
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कैसे करें गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन
गणेश विसर्जन के दिन गजानन की विधि विधान से पूजा करें। इस दिन लाल, पीले रंग के वस्त्र पहनें। दूर्वा, मोदक, लड्डू, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, हल्दी, नारियल, फूल, इत्र, फल, अर्पित करें।
घर या पंडाल जहां गणपति स्थापित किए हो वहां आरती और हवन करें।
अब एक पाट पर गंगाजल छिड़कें. उसपर स्वास्तिक बनाकर लाल कपड़ा बिछाएं।
गणपति प्रतिमा और उन्हें अर्पित की सभी सामग्री पाट पर रखें और फिर ढोल, नगाड़ों के साथ विसर्जन के लिए निकलें।
नदी, तालाब के तट पर विसर्जन से पूर्व दोबारा गणेश जी की कपूर से आरती करें। उन्हें केले का प्रसाद चढ़ाएं।
गणेश उत्सव के दौरान जाने-अनजाने में हुई गलती की माफी मांगे। अगले वर्ष पुन: पधारने की कामना करें।
ॐ गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ, स्वस्थाने परमेश्वर। यत्र ब्रह्मादयो देवाः, तत्र गच्छ हुताशन।- इस मंत्र का जाप करते हुए बप्पा को धीरे से जल में विसर्जित करें।
गणेश जी के साथ उन्हें अर्पित की चीजें सुपारी, पान, लौंग, इलायची और नारियल भी विसर्जित करना चाहिए।
स्थापना के समय कलश पर रखे नारियल को भी जल में प्रवाहित करे दें। इसे फोड़ने की भूल न करें।
घर में ही प्रतिमा का विसर्जन किसी साफ बर्तन में कर सकते हैं।
जब पानी में प्रतिमा घुल जाए, तब ये पानी और मिट्टी घर के गमले में डाल सकते हैं।
गणेश विसर्जन पूजा के मंत्र
ॐ यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्। इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥
ऊँ मोदाय नम:
ऊँ प्रमोदाय नम:
ऊँ सुमुखाय नम:
ऊँ दुर्मुखाय नम:
ऊँ अविध्यनाय नम:
ऊँ विघ्नकरत्ते नम:
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