Vivah Muhurat 2022: हिंदू धर्म में हर शुभ और मांगलिक कार्य शुभ समय में किया जाता है. (Vivah Muhurat 2022) जुलाई में देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं.और इसी के साथ सभी शुभ और मांगलिक कार्य (Vivah Muhurat 2022) ये चार माह के लिए बंद हो जाते हैं. 117 दिन बाद यानी कि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का शयन काल समाप्त होता है और इसी दिन से विवाह और मांगलिक कार्यों की शुरुआत भी हो जाती है.
Vivah Muhurat 2022
इस बार देवउठनी एकादशी 4 नवंबर शुक्रवार की पड़ रही है. इस दिन से देव जाग जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन अबूझ साया होता है. इस दिन बिना सूझाए शादी-विवाह आदि किए जा सकते हैं. इस दिन से भगवान विष्णु अपना कार्यभार संभालते हैं. वहीं, इसके अगले दिन तुलसी विवाह किया जाता है, जो कि इस बार 5 नवंबर के दिन है. लेकिन इस बार देवउठनी एकादशी से शहनाई नहीं बजेगी. आइए जानते हैं इस बार किस दिन से नामकरण, गृह प्रवेश, मुंडन और विवाह जैसे शुभ कार्य किए जा सकते हैं.
नंवबर में विवाह मुहूर्त 2022
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर साल देवउठनी एकादशी के दिन देव जाग जाते हैं और इस दिन से ही शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है. लेकिन इस बार देवउठनी एकादशी पर शादी का मुहूर्त नहीं बन रहा है. इस बार इस दिन शुक्र अस्त होने के कारण विवाह आदि के कार्य नहीं किए जा सकेंगे. विवाह या अन्य शुभ कार्य ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति को देखते हुए ही किए जाते हैं.
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नंवबर 2022 में विवाह के मुहूर्त
21 नवंबर 2022
24 नवंबर 2022
25 नवंबर 2022
27 नवंबर 2022
दिसंबर 2022 में विवाह के मुहूर्त
2 दिसंबर 2022
7 दिसंबर 2022
8 दिसंबर 2022
9 दिसंबर 2022
14 दिसंबर 2022
जानें देवउठनी से ही क्यों शुरू होते हैं मांगलिक कार्य
बता दें कि देवउठनी एकादशी को देवप्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन मां तुलसी और शालीग्राम का विवाह भी किया जाता है. चातुर्मास में भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं. हिंदू धर्म में कोई भी मांगलिक कार्य देवी-देवतीओं की पूजा के बिना संभव नहीं होते. ऐसे में श्री हरि के शयन काल के कारण नकारात्मक शक्तियों का तेज बढ़ जाता है और मांगलिक कार्यों पर इसका प्रभाव दिखता है. इसलिए भगवान विष्णु के शयन काल के दौरान किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं किया जाता. मान्यता है कि इस दिन से सभी देव- नवग्रह आदि सक्रिय हो जाते हैं. और इसके बाद ही शादी-विवाह आदि की शुरुआत होती है.
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