Guru Chandal Yog : ज्योतिष में बताए गए अशुभ योगों (Guru Chandal Yog) में एक है गुरु चांडाल योग। नाम से ही पता चलता है कि (Guru Chandal Yog) ये योग जिसकी कुंडली में बनता है उसके जीवन में उथल-पुथल बनी रहती है। (Guru Chandal Yog) ये योग कुंडली के जिस भाव यानी घर में बनता है उससे संबंधित शुभ फलों को पूरी तरह से नष्ट कर देता है। ऐसा व्यक्ति जीवन में कभी स्थिर नहीं रह पाता है। एक मुसीबत खत्म होते ही उसकी दूसरी परेशानी शुरू हो जाती है। आगे जानिए कैसे बनता है ये अशुभ योग और इसके उपाय…
Guru Chandal Yog
इन 2 ग्रहों की युति से बनता है गुरु चांडाल योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्म कुंडली के किसी भी भाव में यदि देवगुरू बृहस्पति के साथ राहु की युति बन रही है यानी ये दोनों ग्रह एक ही भाव में हो तो गुरु चांडाल योग कहते हैं। इस योग का बुरा असर शिक्षा, धन और चरित्र पर होता है। जिनकी कुंडली में ये योग बनता है वो लोग बड़े-बुजुर्गों का आदर नहीं करते और उन्हें जीवन भर पैसों की तंगी का सामना करना पड़ता है।
किस भाव में कैसा फल देता है ये अशुभ योग?
– गुरु चांडाल योग कुंडली के पहले भाव में बनता है तो व्यक्ति मानसिक रूप से बहुत परेशान रहता है और बीमारी की वजह से भी।
– कुंडली के दूसरे भाव में ये अशुभ योग हो तो धन लाभ तो होता है लेकिन वह पैसा गलत कामों में खर्च होता है।
– तीसरे भाव में गुरु चांडाल योग बने तो व्यक्ति शातिर अपराधी शातिर बन जाता है।
– चौथे भाव में ये योग हो तो सभी भौतिक सुख-सुविधाएं छीन लेता है और माता को कष्ट पहुंचाता है।
– कुंडली के पांचवे भाव में ये योग बने तो पढ़ाई-लिखाई से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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– छठे भाव में गुरु चांडाल योग होने पर व्यक्ति रोगी होता है और दुश्मनों से बार-बार हार का सामना करना पड़ता है।
– सातवें भाव में ये अशुभ योग हो तो वैवाहिक जीवन में कष्ट होता है और साझेदारी के कामों में नुकसान का सामना करना पड़ता है।
– आठवें भाव में गुरु चांडाल योग हो तो ये बड़ी घटना-दुर्घटना का कारण बन सकता है।
– नौवें भाव में ये योग हो तो बहुत मेहनत करने पर भी उसका थोड़ा ही फल मिलता है।
– कुंडली के दसवें भाव में ये योग बने तो जीवन में अस्थिरता बनी रहती है और रोजी-रोटी का संकट बना रहता है।
– कुंडली के ग्यारहवें भाव में गुरु चांडाल योग हो तो आय में कमी होती है।
– गुरु चांडाल योग कुंडली के बारहवें भाव में हो तो कानूनी मामलों में उलझाता है।
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ये उपाय कम कर सकते हैं गुरु चांडाल का अशुभ प्रभाव
1. गुरु चांडाल के अशुभ योग का प्रभाव कम करने के लिए गुरु और राहु दोनों ग्रहों की शांति करवानी चाहिए।
2. गुरु और राहु से संबंधित चीजों का दान करना चाहिए। माथे पर रोज केसर, हल्दी या चंदन का तिलक लगाना चाहिए।
3. हर गुरुवार को व्रत रखकर देवगुरु बृहस्पति के मंत्रों का जाप करना चाहिए और पीली चीजों जैसे केले, आम आदि का दान करना चाहिए।
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