Gemology in hindi : रत्न शास्त्र में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए रत्न धारण दी गई है। (Gemology in hindi) रत्न पहनने से ग्रहों की नकारात्मक प्रभाव को कई हद तक दूर किया जा सकता है। रत्न विज्ञान में नव ग्रहों का वर्णन मिलता है। (Gemology in hindi) साथ ही इन 9 ग्रहों का कोई न कोई प्रतिनिधित्व रत्न होता है। जैसे- सूर्य देव से संबंधित रत्न माणिक्य है और शनि देव के प्रकोप को शांत करने के लिए ज्योतिष में नीलम रत्न का वर्णन किया गया है। लेकिन नीलम रत्न बाजार में काफी महंगा आता है।
Gemology in Hindi
इसलिए नीलम रत्न की जगह ज्योतिष में शमी पेड़ की जड़ को हाथ में बांधने की भी सलाह दी गई है। जिसको बांधने से शनि दोष से भी मुक्ति पाई जा सकती है। आइए जानते हैं क्या होती है शमी की जड़ और इसको बांधने की विधि…
जानिए शमी की जड़ का महत्व
शमी पेड़ की लकड़ी को यज्ञ की वेदी के लिए पवित्र माना जाता है। वहीं शमी के पेड़ का संबंध शनि देव से माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार जो लोग नीलम रत्न धारण नहीं कर सकते वो लोग शमी की जड़ हाथ में बांध सकते हैं। जिसका फल भी व्यक्ति को नीलम के बराबर ही प्राप्त होगा। शमी को गणेश जी का प्रिय पेड़ माना जाता है। इसलिए भगवान गणेश की आराधना में शमी के पेड़ की पत्तियों को अर्पित किया जाता है।
ये लोग बांध सकते हैं शमी की जड़
ज्योतिष शास्त्र अनुसार वृष राशि, मिथुन राशि, कन्या राशि, तुला राशि, मकर राशि और कुंभ राशि के लोग शमी की जड़ हाथ में बांध सकते हैं। वहीं जन्मकुंडली में अगर शनि देव उच्च (शुभ) के विराजमान हैं। तो भी शमी की जड़ बांध सकते हैं।
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इस विधि से बांधें शमी की जड़
शमी की जड़ घर पर लाने के बाद सबसे पहले इसे गंगाजल से शुद्ध कर लें। इसके बाद इसे काले या नीले कपड़े में बांध लें। साथ ही आपको बता दें कि शमी के पेड़ की जड़ को शनिवार या शनि के नक्षत्र में शाम के समय हाथ में बांध सकते हैं। इसको बांधने के बाद शनि देव के बीज मंत्र ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: का 108 बार जाप करें और फिर इसे किसी ब्राह्राण से हाथ में बंधवा लें।
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